पूर्वी उत्तर प्रदेश के अति पिछड़े जिले देवरिया के विकास खण्ड-भटनी गाँव सल्लहपुर में सन् 1899 में स्व० राम गुलाम राय का जन्म एक समृद्धशाली किसान परिवार में हुआ था। युवावस्था से ही स्व० राम गुलाम राय जी निरन्तर मानवीय मूल्यों के प्रति अति संवेदनशील रहे तथा मानवता की सेवा में अपना जीवन समर्पित कर दिया।
परम श्रद्धेय स्व० राम गुलाम राय जी की उत्कट इच्छा थी कि पूर्वांचल का यह अत्यन्त पिछड़ा क्षेत्र शैक्षिक दृष्टि से विकसित हो तथा यहाँ का युवा समाज एवं राष्ट्र के उत्थान में पूर्वांचल की माटी को गौरवान्वित कर सकें। स्व० राम गुलाम राय जी के इन्हीं आदर्श विचारों को आत्मसात कर पूर्वांचल के शैक्षिक उन्नयन, विशेष कर शिक्षण-प्रशिक्षण के क्षेत्र में पूर्वांचल को एक नयी पहचान दिलाने के लिए संकल्पित समाजसेवी श्री उमा शंकर राय जी ने स्व० राम गुलाम राय जी के इच्छानुरूप 'राम गुलाम राय राजा देवी चैरिटेबुल ट्रस्ट', दिव्य नगर, गोरखपुर के माध्यम से 'राम गुलाम राय शिक्षण प्रशिक्षण महाविद्यालय', गोरखपुर की स्थापना की, जिसका संचालन उनके सुयोग्य पुत्र एवं महाविद्यालय के प्रबन्धक श्री प्रभात कुमार राय निरन्तर तन्मयता के साथ कर रहे हैं।
शिक्षण-प्रशिक्षण के नूतन प्रवृत्तियों को प्रशिक्षणार्थियों के माध्यम से प्रसारित कर नौनिहालों के जीवन को आलोकित करने के लिए महाविद्यालय अपनी स्थापना से ही संकल्पित है, ताकि युवाओं की शैक्षिक ऊर्जा का एक नयी दिशा, सोच एवं संकल्प के साथ उपयोग हो सके। महाविद्यालय परिवार इस पावन यज्ञ में सभी दृश्य-अदृश्य शक्तियों के प्रति अभारी है जिन्होंने इसके सृजनात्मकता को गति प्रदान क`रने में सहायता की। हमें पूर्ण विश्वास है कि महाविद्यालय में प्रथम सत्र से ही शिक्षक एवं प्रशिक्षणार्थी अपनी सर्वोत्तम क्षमता का प्रदर्शन कर रहे हैं। महाविद्यालय में शिक्षण-प्रशिक्षण आरम्भ होने के पश्चात सम्माननीय प्रबन्धतंत्र, डायट, सहयोगी शिक्षक बन्धु एवं कर्मचारीगण का निरन्तर पवित्र सहयोग मिल रहा है, जिसका मैं हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन करते हुए सदा ऋणी रहूंगा। महाविद्यालय की इस पावन यात्रा में निरन्तर गुणात्मक सुधार के लिए आप सभी सुधीजनों का सुझाव एवं निर्देश सादर आमंत्रित है जिससे कि महाविद्यालय अपने ध्येय प्राप्ति की तरफ अग्रसर हो सकें।
(डॉ. विनय कुमार मिश्र)