महाविद्यालय का शैक्षिक पञ्चांग:-
महाविद्यालय में शिक्षण प्रशिक्षण पाठ्यक्रम संचालित होने के कारण उत्तर प्रदेश शासन द्वारा निर्धारित सत्रों के अनुरूप अध्ययन-अध्यापन सम्बन्धी गतिविधियों का संचालन हो रहा है।
उपस्थिति :
महाविद्यालय द्वारा सर्वाधिक जोर प्रशिक्षुओं की उपस्थिति पर दिया जाता है।, क्योंकि प्रशिक्षण कार्यक्रम में शत-प्रतिशत उपस्थिति सम्बन्धित पाठ्यक्रम के सुचारूपूर्ण एवं तार्किक संचालन की पहली प्राथमिकता है जिसके लिए महाविद्यालय प्रतिबद्ध हैं। प्रशिक्षणार्थियों की उपस्थिति सम्बन्धी सूचनाएँ माहवार एस०सी०ई०आर०टी०, लखनऊ एवं परीक्षा नियामक प्राधिकारी, इलाहाबाद को प्रेषित की जाती है।
गणवेश :
महाविद्यालय में छात्रों के लिए पूरी बाँह का लाइट पिंक कलर की शर्ट एवं ब्लैक कलर का फुल पैन्ट, शरद ऋतु में उपर्युक्त के अतिरिक्त मैरून कलर का हाफ स्वेटर एवं ब्लेजर। छात्राओं के लिए गाजरी रंग की साड़ी एवं शरद ऋतु में उपर्युक्त के अतिरिक्त मैरून कलर का हाफ जैकेट एवं ब्लेजर। गणवेश निर्धारित है।
प्रशिक्षणार्थियों द्वारा कक्षा अध्यापन:
सप्ताह के प्रत्येक कार्य दिवस के अन्तिम कक्षा में प्राध्यापक की उपस्थिति में प्रशिक्षणार्थियों द्वारा अध्यापन किया जाता है। जिससे प्रशिक्षणार्थियों में अध्यापन के प्रति वैशिष्ठ का भाव जागृत होगा एवं अध्यापन कौशल का विकास होगा
मासिक मूल्यांकन :
प्रत्येक माह के अन्त में प्राध्यापक द्वारा अपने-अपने प्रश्न पत्र में प्रशिक्षणार्थियों का मूल्यांकन होता है। जिसकी प्रगति आख्या सूचना पट्ट पर चस्पा की जाती है। जो परीक्षा के आन्तरिक मूल्यांकन के लिए भी आवश्यक है।
प्राध्यापकों का मूल्यांकन:
प्रत्येक दो माह शिक्षण के पश्चात् प्रशिक्षणार्थियों द्वारा विभिन्न प्रश्न-पत्रों का अध्यापन मूल्यांकन महाविद्यालय द्वारा निर्धारित बिन्दुओं पर किया जाता है, जिसकी आख्या प्रबन्धकारिणी समिति के समक्ष रखी जाती है।
पुस्तकालय :
महाविद्यालय में बी०टी०सी० पाठ्यक्रम के अनुरूप वांछित पुस्तकों के अतिरिक्त साहित्य, संस्कृति, दर्शन एवं धर्म सम्बन्धी पुस्तकों से समृद्ध पुस्तकालय है। प्रत्येक प्रशिक्षणार्थी प्रति सेमेस्टर पाँच पुस्तकें 15-15 दिन की अवधि के लिए आवंटित करा सकता हैं जिसे सेमेस्टर परीक्षा आरम्भ होने से पूर्व पुस्तकालय में जमा कराना होगा। पुस्तकालय में देश-विदेश से प्रकाशित पाठ्यक्रम सहित, अन्य विषयों से सम्बन्धित शोध पत्रिकाओं, समाचार पत्रिकाओं एवं समाचार पत्रों का श्रेष्ठ संग्रह है।
प्रयोगशाला :
महाविद्यालय में प्रशिक्षणार्थियों के प्रायोगिक, अनुभवमूलक एवं व्यवहारिक ज्ञान के विकास के लिए बी०टी०सी पाठ्यक्रम के अनुरूप अति आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित प्रयोगशाला की व्यवस्था है।
उपस्थिति :
छात्र कल्याण समिति महाविद्यालय अपने यहाँ अध्ययनरत समस्तप्रशिक्षणार्थियों की समस्याओं का निराकरण एवं उनके विकास के लिए निरन्तर सचेष्ट हैं जिसके लिए छात्र कल्याण समिति स्थापना की गई है। जिसमें महाविद्यालय प्रशासन एवं प्रशिक्षणार्थियों की सहभागिता होती है।
नियंता मण्डल :
महाविद्यालय में स्वच्छ एवं अनुशासित वातावरण के निर्माण के लिए नियंता मण्डल का गठन किया गया है जो प्रशिक्षणार्थियों की यथोचित समस्याओं के समाधान के लिए सदैव रहता है।
क्रीड़ा परिषद् :
'खेल-खेल में सीखे' की भावना को विकसित करने के लिए महाविद्यालय में क्रीड़ा परिषद् की स्थापना की गयी है जिसके माध्यम से प्रशिक्षणार्थियों में शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए निरन्तर प्रयत्न किया जाता है।
शिक्षणेत्तर गतिविधियाँ:
महाविद्यालय में प्रत्येक माह परिचर्चा, व्याख्यान, संगोष्ठी, वाद-विवाद, निबन्ध एवं भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। सत्र 2012-13 तथा 2013-14 में क्रमशः दो राष्ट्रीय संगोष्ठियों का आयोजन किया गया है।
उपस्थिति :
महाविद्यालयीय स्मारिका प्रशिक्षणार्थियों के प्रछन्न प्रतिभा को उजागर करने के लिए महाविद्यालयीय स्मारिका का प्रकाशन किया जाना है। जिससे प्रशिक्षणार्थियों में अपने सामाजिक सरोकार, सहचर्य एवं समसामयिक घटनाओं के प्रति चिन्तन का भाव जागृत होगा, जो उन्हें देश के प्रति जिम्मेदार बनाने में सहयोगी होगा।
शुल्क विवरण :
महाविद्यालय में बी०टी०सी० पाठ्यक्रम हेतु स्ववित्तपोषित संस्थानों के लिए उ०प्र० शासन द्वारा जारी शुल्क सम्बन्धी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुये निर्धारित शुल्क देय होगा ।
स्टैण्ड :
महाविद्यालय में वाहन रखने के लिए स्टैण्ड की व्यवस्था की गयी है। प्रशिक्षणार्थियों से अपेक्षा की जाती है कि स्टैण्ड हेतु निर्धारित शुल्क जमा कर अपने वाहन स्टैण्ड में ही रखें।
परिचय पत्र :
महाविद्यालय में प्रवेश के उपरान्त प्रशिक्षणार्थी यथाशीघ्र नियंता मण्डल से सम्पर्क कर अपने परिचय पत्र प्राप्ति सम्बन्धी समस्त औपचारिकताए पूर्ण कर लें। बिना परिचय पत्र महाविद्यालय में प्रवेश वर्जित हैं।